फूल फेंका पर मुझे पत्थर लगा....| Best Lines For School/College Program!!!

 

फूल फेंका पर मुझे पत्थर लगा....

फूल फेंका पर मुझे पत्थर लगा....


 फूल फेंका पर मुझे पत्थर लगा,
आज पहली बार मुझे डर लगा।।

बरसों से रहते आया आज मुझे,
गांव से माँ को लाया तो घर लगा।।

देखा छत पे कबूतर  उड़ाते हुए,
वो हसीन,कातिल, दिलवर लगा।।

पीसा गया हूँ मैं बहुत तब जाकर,
तेरी  आँखो में यूँ ये काजर लगा।।

सर-ए-बाजार बेपरदा हीरोइने ये,
मजबूर तवायफ से हमें बद्दतर लगा।।

चंद पैसे कमाने की खातिर मेरा,
दांव पे अब तो गांव, घर,मग़र,लगा।।

गजलें कहना आसान नही केवल,
इनमें काफिया,रदीफ़,बहर, लगा।।

परिंदो को उड़ जाने तो दे इंसान,
काट रखे तूने फिर से वो पर लगा।।

कारण उनको तो कुछ पता ही नही,
दंगो में  जिनके  हाथ पत्थर  लगा।।

दूरियां नजदीकियों में तब्दील हों रब,
न फैसले में देरी नही उमर लगा ।।

"केवल" मौजूद हम रौशनी के लिए,
दिल के अंधेरे में उसे न खबर  लगा।।

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